“अम्बे माता की आरती के लाभ: आत्मिक शुद्धि के लिए”
अम्बे माता की आरती का पाठ करने और गाने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह आरती माँ अम्बे की पूजा और स्तुति का अच्छा माध्यम है जिससे उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है। अम्बे माता की आरती का पाठ करने से मन में शांति, आनंद, और सकारात्मकता का अनुभव होता है। इस आरती को गाने से भक्त को दुःखों से मुक्ति मिलती है और उसकी आत्मा में शुद्धि होती है। अम्बे माता की आरती का गाना माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है। इस आरती को नियमित रूप से गाने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का अनुभव होता है।
Ambe Mata aarti lyrics in Hindi
- Aarti title: Ambe Mata Aarti
- Jai Ambe Gauri Singer: Anuradha Paudwal
- Music Label: T-Series
अम्बे माता की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत, टीको जगमग तो उज्जवल से दो नैना, चन्द्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी आगम-निगम बखानी, तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरव बाजत ताल मृदंगा, और बाजत डमरु
ॐ जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता
ॐ जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी
ॐ जय अम्बे गौरी कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति
ॐ जय अम्बे गौरी श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै
ॐ जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत, तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी