कजरा रे – Kajra Re – Alisha Chinai, Javed Ali & Shankar Mahadevan
फिल्म ‘बंटी और बबली’ का गाना “कजरा रे” 2005 में रिलीज हुआ और तत्काल ही एक सेंसशन बन गया। इस गाने ने न केवल फिल्म को बल्कि पूरे बॉलीवुड को एक नया आयाम दिया।
‘बंटी और बबली’ की कहानी दो छोटे शहरों के युवाओं की है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने घरों से भाग जाते हैं। वे ठगी का सहारा लेते हैं और उनके मजेदार कारनामों का सिलसिला शुरू होता है।
“कजरा रे” गाना अपनी धुन, बोल और प्रदर्शन के लिए बेहद लोकप्रिय हुआ। यह गाना आज भी पार्टियों और शादियों में धूम मचाता है।
कजरा रे – Kajra Re song Details
- Movie/Album: बंटी और बबली
- Year : 2005
- Music By: शंकर-एहसान-लॉय
- Lyrics By: गुलज़ार
- Performed By: जावेद अली, अलीशा चेनॉय, शंकर महादेवन
कजरा रे – Kajra Re Lyrics in Hindi
ऐसी नज़र से देखा
उस ज़ालिम ने चौक पर
हमने कलेजा रख दिया
चाकू की नोक पर
मेरा चैन-वैन सब उजड़ा
ज़ालिम नज़र हटा ले
बर्बाद हो रहे हैं जी
तेरे अपने शहर वाले
मेरा चैन-वैन…
मेरी अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा
कजरा रे कजरा रे
तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना
मेरे नैना जुड़वाँ नैना
हो कजरा रे…
सुरमें से लिखे तेरे वादे
आँखों की ज़बानी आते हैं
मेरे रूमालों पे लब तेरे
बाँध के निशानी जाते हैं
हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू है
हो तेरा आना भी गर्मियों की लू है
आ जा टूटे ना, टूटे ना अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा
कजरा रे…
आँखें भी कमाल करती हैं
पर्सनल से सवाल करती हैं
पलकों को उठाती भी नहीं, हम्म
परदे का ख्याल करती हैं
हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं
दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं
आजा टूटे ना, टूटे ना अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा
कजरा रे…
हो तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में
छोड़ आए निशानी दिल्ली में
बल्लीमाराँ से दरीबे तलक
तेरी-मेरी कहानी दिल्ली में
ओ काली कमली वाले को याद कर के
तेरे काले-काले नैनों की क़सम खाते हैं
तेरे काले-काले नैनों की बलाएँ ले लूूँ
तेरे काले नैनों को दुआएँ दे दूँ
मेरी जान उदास है, होठों पे प्यास है
आ जा रे, आ जा रे, आ जा रे हो
तेरी बातों में…
कजरा रे…