“गायत्री माता की आरती के लाभ: आत्मिक शुद्धि के लिए”
गायत्री माता की आरती का पाठ करने और गाने के कई महत्वपूर्ण लाभ होते हैं। यह आरती माता गायत्री की पूजा और स्तुति का अच्छा माध्यम है जिससे उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है। गायत्री माता की आरती का पाठ करने से मन में शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है। इस आरती को गाने से भक्त को पापों से मुक्ति मिलती है और उसकी आत्मा में शुद्धि होती है। गायत्री माता की आरती का गाना प्राचीन संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और उसे अत्यंत प्रशंसा किया जाता है। इस आरती को नियमित रूप से गाने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का अनुभव होता है।
Gayatri Mata aarti lyrics in Hindi
- title: Gayatri Mata Ki Aarti
- Singer: Suresh Wadkar
- Music label: T-Series
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता जयति जय गायत्री माता आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन जग पालन कर्त्री दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय दैन्य हर्त्री
जयति जय गायत्री माता ब्रहृ रुपिणी, प्रणत पालिनी, जगतधातृ अम्बे भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे
जयति जय गायत्री माता भयहारिणि भवतारिणि अनघे, अज आनन्द राशी अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले अविनाशी
जयति जय गायत्री माता कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता सविता की शाश्वती शक्ति तुम सावित्री सीता
जयति जय गायत्री माता ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे कुण्डलिनी सहस्त्रार सुषुम्ना, शोभा गुण गरिमे
जयति जय गायत्री माता स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रहाणी, राधा, रुद्राणी जय सतरुपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी
जयति जय गायत्री माता जननी हम है, दीन हीन, दुःख दरिद्र के घेरे यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तऊ बालक है तेरे
जयति जय गायत्री माता स्नेहसनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजै बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै
जयति जय गायत्री माता काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिये शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये
जयति जय गायत्री माता तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता
जयति जय गायत्री माता जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता
जयति जय गायत्री माता.