रिमझिम के गीत सावन – Rimjhim Ke Geet Sawan – Lata Mangeshkar & Md.Rafi
रिमझिम के गीत सावन: फिल्म अनजाना का यादगार गीत
फिल्म अनजाना का गीत रिमझिम के गीत सावन भारतीय संगीत के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना है। इस गीत को आवाज दी है महान गायिका लता मंगेशकर और मशहूर गायक मोहम्मद रफ़ी ने। संगीत दिया है प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने और गीत के बोल लिखे हैं मशहूर गीतकार आनंद बक्षी ने। इस लेख में हम इस अद्वितीय गीत के संगीत, गायन, बोल और फिल्मांकन के विविध पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
गीत की विशेषताएँ
संगीत का जादू
लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने इस गीत में बारिश की बूँदों की ध्वनि और मनमोहक धुन का अद्भुत संयोजन किया है। संगीत में वायलिन और बांसुरी का उपयोग गीत को और भी मनमोहक बनाता है। गीत की शुरुआत मध्यम लय से होती है, जो धीरे-धीरे उच्च स्वर में परिवर्तित होती है, श्रोताओं को एक सुरम्य दुनिया में ले जाती है।
गायकों की मधुर आवाज
लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ें इस गीत में अद्भुत मेल बनाती हैं। लता की कोमल और मधुर आवाज़ और रफ़ी की गहरी और मर्मस्पर्शी आवाज़ का मिश्रण इस गीत को और भी विशेष बनाता है। दोनों गायकों ने अपने अनूठे अंदाज में इस गीत को गाकर श्रोताओं के दिलों में बसाया है।
आनंद बक्षी के गीत
आनंद बक्षी ने इस गीत में सावन के मौसम की खूबसूरती और उसकी ताजगी को बखूबी व्यक्त किया है। उनके लिखे हुए शब्दों में बारिश की बूंदों की मिठास और प्यार की कोमलता का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है। उनकी शायरी गीत को एक नया आयाम देती है।
गीत का फिल्मांकन
नायिका और नायक
फिल्म अनजाना में इस गीत का फिल्मांकन बेहद रोमांटिक और भावनात्मक तरीके से किया गया है। फिल्म की नायिका लीना चंदावरकर और नायक राजेंद्र कुमार की केमिस्ट्री इस गीत को और भी जीवंत बनाती है। दोनों कलाकारों की भावनात्मक अभिव्यक्ति और अभिनय क्षमता ने इस गीत को एक अद्वितीय ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
प्राकृतिक दृश्य
गीत का फिल्मांकन प्राकृतिक सौंदर्य के बीच किया गया है। हरे-भरे बाग-बगीचे, बहती हुई नदियाँ और बरसते हुए बादल इस गीत को एक अद्वितीय पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं। इस दृश्य में प्रकृति की सुंदरता और कलाकारों की केमिस्ट्री का मेल दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
गीत का प्रभाव और विरासत
संगीत जगत पर प्रभाव
रिमझिम के गीत सावन गीत ने भारतीय संगीत जगत पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह गीत आज भी संगीत प्रेमियों के बीच उतना ही लोकप्रिय है जितना इसके रिलीज के समय था। इस गीत ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी और आनंद बक्षी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
सांस्कृतिक महत्व
यह गीत भारतीय सिनेमा और संगीत की धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह गीत न केवल अपने संगीत और बोलों के लिए बल्कि अपनी सांस्कृतिक और भावनात्मक अपील के लिए भी जाना जाता है। यह गीत पीढ़ी दर पीढ़ी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसा हुआ है।
वर्तमान में प्रासंगिकता
आज के डिजिटल युग में भी यह गीत उतना ही प्रासंगिक है। यह न केवल पुराने जमाने के संगीत प्रेमियों के बीच बल्कि नई पीढ़ी के बीच भी लोकप्रिय है। इस गीत का संगीत और बोल आज भी नए संगीतकारों और गायकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
रिमझिम के गीत सावन – Rimjhim Ke Geet Sawan Song Details…
- Movie/Album: अनजाना
- Year : 1969
- Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
- Lyrics By: आनंद बक्षी
- Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी
रिमझिम के गीत सावन – Rimjhim Ke Geet Sawan Song Lyrics in Hindi
रिमझिम के गीत सावन गाए
हाए भीगी भीगी रातों में
होठों पे बात जी की आए
हाए भीगी भीगी रातों में
तेरा मेरा पूछे नाता
बड़ी वो ये घटा घनघोर है
चुप हूँ ऐसे, मैं कह दूँ कैसे
मेरा साजन नहीं तू कोई और है
कि तेरा नाम होठों पे मेरे
तेरे सपने मेरी आँखों में
रिमझिम के गीत सावन…
मेरा दिल भी है दीवाना
तेरे नैना भी हैं नादान से
कुछ न सोचा कुछ न देखा
कुछ भी पूछा न इक अनजान से
चल पड़े साथ हम कैसे
ऐसे बन के साथी राहों में
के रिमझिम के गीत सावन…
बड़ी लम्बी जी की बातें
बड़ी छोटी ये बरखा की रात जी
कहना क्या है, सुनना क्या है
कहने सुनने की अब क्या है बात जी
बिन कहे बिन सुने दिल ने
दिल से कर ली बातें बातों में
रिमझिम के गीत सावन…