लगी आज सावन की – Lagi Aaj Sawan Ki – Suresh Wadkar, Anupama Deshpande
लगी आज सावन की: फिल्म चांदनी का यादगार गीत
लगी आज सावन की गाना 1989 में रिलीज हुई फिल्म चांदनी का एक अद्वितीय संगीत रचना है। इस गाने को गाया है मशहूर गायक सुरेश वाडकर और अनुपमा देशपांडे ने, संगीतकार शिव-हरी (शिवकुमार शर्मा और हरिप्रसाद चौरसिया) द्वारा संगीतबद्ध किया गया है। गीत के बोल लिखे हैं मशहूर गीतकार आनंद बक्षी ने। यह गीत भारतीय मानसून और उसमें छिपी भावनाओं का एक खूबसूरत चित्रण है।
संगीत का जादू: शिव-हरी की अनोखी शैली
शिव-हरी की संगीत जोड़ी ने इस गाने में पारंपरिक भारतीय संगीत और आधुनिक धुनों का बेहतरीन समन्वय किया है। उन्होंने संतूर और बांसुरी का उत्कृष्ट उपयोग किया, जो उनके संगीत की पहचान है। गाने की शुरुआत एक मधुर और सुकूनभरी धुन से होती है, जो श्रोताओं को मानसून के मौसम की ताजगी का अहसास कराती है।
गीत के बोल: आनंद बक्षी की कलम से
आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए इस गीत के बोल प्रेम और विरह की भावना को बड़े ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत करते हैं। “लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है, वही आग सीने में फिर जल पड़ी है” जैसे बोल उन प्रेमियों के दिल की आवाज हैं जो अपने प्रिय से दूर हैं। आनंद बक्षी की रचनाओं में हमेशा से एक गहराई और सादगी रही है, जो इस गाने में भी झलकती है।
गायक की गायकी और भाव
सुरेश वाडकर और अनुपमा देशपांडे की आवाज़ में इस गीत को सुनना एक अद्भुत अनुभव है। सुरेश वाडकर की आवाज़ में जो गहराई और माधुर्य है, वह गीत के भावों को और अधिक प्रभावशाली बनाता है। अनुपमा देशपांडे की सुरीली आवाज़ इस गाने को और भी मधुर बनाती है। दोनों गायकों ने अपनी गायकी से इस गाने में जान डाल दी है।
फिल्मांकन और दृश्य
फिल्म चांदनी में इस गाने को श्रीदेवी और ऋषि कपूर पर फिल्माया गया है। गाने के दृश्य बड़े ही रोमांटिक और मोहक हैं, जिसमें बारिश का वातावरण और दोनों कलाकारों की केमिस्ट्री इस गाने को और भी खास बनाती है। बारिश के दृश्यों के माध्यम से प्रेम और विरह की भावना को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है।
गाने की लोकप्रियता और धरोहर
लगी आज सावन की गाना अपने समय का एक सुपरहिट गाना था और आज भी यह गाना बहुत पसंद किया जाता है। इसकी मधुर धुन और भावपूर्ण बोल इसे एक अमर गीत बनाते हैं। यह गाना उन चुनिंदा गीतों में से एक है जो हर मानसून में सुने जाते हैं और भारतीय संगीत की धरोहर में इसका विशेष स्थान है।
संगीत रचना की संरचना
शिव-हरी की इस रचना में संतूर और बांसुरी का विशेष स्थान है। इन दोनों वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि गाने को और भी रमणीय बनाती है।
निष्कर्ष
लगी आज सावन की गाना न केवल फिल्म चांदनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह भारतीय सिनेमा और संगीत के इतिहास का भी एक अभिन्न अंग है। इसका संगीत, बोल और गायकी सभी उत्कृष्ट हैं। यह गाना प्रेमियों के दिलों को छूता है और उन्हें मानसून के रोमांटिक पलों का अहसास कराता है।
लगी आज सावन की – Lagi Aaj Sawan Ki Song Details…
- Movie/Album: चांदनी
- Year : 1989
- Music By: शिव-हरी
- Lyrics By: आनंद बक्षी
- Performed By: सुरेश वाडकर, अनुपमा देशपांडे
लगी आज सावन की – Lagi Aaj Sawan Ki Lyrics in Hindi
लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है
वही आग सीने में फिर जल पड़ी है
लगी आज सावन की…
कुछ ऐसे ही दिन थे वो जब हम मिले थे
चमन में नहीं, फूल दिल में खिले थे
वही तो है मौसम मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी रो पड़ी है
लगी आज सावन की…
कोई काश दिल पे ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ों को एक साथ रख दे
मगर ये है ख़्वाबों-ख्यालों की बातें
कभी टूट कर चीज़ कोई जुड़ी है
लगी आज सावन की…
लगी आज सावन की – Lagi Aaj Sawan Ki Lyrics in English
Lagee Aaj Saavan Kee Phir Vo Jhadee Hai
Vahee Aag Seene Mein Phir Jal Padee Hai
Lagee Aaj Saavan Kee…
Kuchh Aise Hee Din The Vo Jab Ham Mile The
Chaman Mein Nahin, Phool Dil Mein Khile The
Vahee To Hai Mausam Magar Rut Nahin Vo
Mere Saath Barasaat Bhee Ro Padee Hai
Lagee Aaj Saavan Kee…
Koee Kaash Dil Pe Zara Haath Rakh De
Mere Dil Ke Tukadon Ko Ek Saath Rakh De
Magar Ye Hai Khvaabon-Khyaalon Kee Baaten
Kabhee Toot Kar Cheez Koee Judee Hai
Lagee Aaj Saavan Kee…