शराब चीज़ ही ऐसी है – Sharaab Cheez Hi Aisi Hai – Pankaj Udhas
1. परिचय
“शराब चीज़ ही ऐसी है” ग़ज़ल, पंकज उदास की स्वर लहरियों और सरदार अंजुम के शब्दों का सुंदर संयोजन है। यह ग़ज़ल अपनी भावनात्मक गहराई और संगीत की मधुरता के कारण विशेष महत्व रखती है। पंकज उदास की गायकी और सरदार अंजुम के शायरी का यह संगम ग़ज़ल को एक अनमोल रचना बनाता है।
2. ग़ज़ल का शीर्षक और भावार्थ
“शराब चीज़ ही ऐसी है” ग़ज़ल का शीर्षक शराब के प्रतीकात्मक अर्थ को उजागर करता है। यह शीर्षक न केवल शराब की वस्तुगत विशेषताओं को दर्शाता है, बल्कि इसके द्वारा उत्पन्न भावनाओं और जीवन की जटिलताओं को भी व्यक्त करता है। ग़ज़ल का भावार्थ जीवन की जटिलताओं और भावनात्मक उलझनों को प्रदर्शित करता है।
3. पंकज उदास: ग़ज़ल की आवाज़ का जादू
पंकज उदास की आवाज़ ग़ज़ल की दुनिया में एक अनमोल रत्न है। उनकी गायकी की विशेषताएँ उनकी आवाज़ की गहराई और भावनात्मक अभिव्यक्ति में निहित हैं। पंकज उदास की आवाज़ में एक खास तरह का जादू है जो ग़ज़ल को और भी प्रभावशाली बना देता है। उनकी गायकी ने ग़ज़ल को एक नई पहचान दी है।
4. सरदार अंजुम: शायरी का समर्पण
सरदार अंजुम की शायरी उर्दू साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। उनकी शायरी में गहराई और संवेदनशीलता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। “शराब चीज़ ही ऐसी है” ग़ज़ल में उनके शब्दों ने एक विशेष प्रभाव डाला है, जो उनकी शायरी की अनोखी विशेषताओं को दर्शाता है।
5. ग़ज़ल के बोल का विश्लेषण
“शराब चीज़ ही ऐसी है” ग़ज़ल के बोल शराब के प्रतीकात्मक अर्थ को व्यक्त करते हैं। इस ग़ज़ल में सरदार अंजुम ने शब्दों के माध्यम से शराब की भावनात्मक और मानसिक प्रभावों को बारीकी से उजागर किया है। ग़ज़ल के शब्द प्रेम, दर्द, और जीवन की जटिलताओं को बारीकी से प्रस्तुत करते हैं।
6. पंकज उदास की संगीत रचनाएँ
पंकज उदास की संगीत रचनाएँ उनके गायकी के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उनकी अन्य प्रसिद्ध ग़ज़लें जैसे “चुपके चुपके रात दिन” और “मेरे दिल में आज क्या है” उनके संगीत की विविधता और गहराई को दर्शाती हैं। उनके संगीत की खासियत उनकी आवाज़ की गहराई और भावनात्मक अभिव्यक्ति है।
7. सरदार अंजुम की शायरी की विशेषताएँ
सरदार अंजुम की शायरी में भावनात्मक गहराई और संवेदनशीलता का अनूठा संगम है। उनकी शायरी में जो खासियत है, वह ग़ज़ल को और भी प्रभावशाली बना देती है। उनके शब्द जीवन की जटिलताओं और भावनात्मक उलझनों को सहजता से प्रस्तुत करते हैं।
8. ग़ज़ल की धुन और संगीत संयोजन
ग़ज़ल की धुन और संगीत संयोजन इस ग़ज़ल की आत्मा को दर्शाता है। पंकज उदास की आवाज़ के साथ मिलकर धुन ने एक मधुर और सुकून भरी ध्वनि बनाई है। संगीत संयोजन का यह विश्लेषण ग़ज़ल की गहराई और उसकी भावनात्मक अभिव्यक्ति को स्पष्ट करता है।
9. ग़ज़ल के बोल में छिपी भावनाएं
सरदार अंजुम के शब्दों में छिपी भावनाएं ग़ज़ल को एक अनूठा रंग देती हैं। ग़ज़ल में प्रेम, दर्द और जीवन की जटिलताओं की संवेदनशीलता सरदार अंजुम की शायरी की विशेषता है। इन भावनाओं का सटीक और सुंदर चित्रण ग़ज़ल को खास बनाता है।
10. पंकज उदास का संगीत में योगदान
पंकज उदास का संगीत में योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपनी गायकी के माध्यम से ग़ज़ल को एक नई ऊंचाई दी है। उनके संगीत ने न केवल उर्दू ग़ज़ल को समृद्ध किया है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय बनाया है।
11. सरदार अंजुम का शायरी में योगदान
सरदार अंजुम का शायरी में योगदान भी उल्लेखनीय है। उनकी शायरी की विविधता और संवेदनशीलता ने उन्हें एक प्रमुख शायर बना दिया है। उनके शब्दों में जो गहराई और भावनात्मक अभिव्यक्ति है, वह शायरी की दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाती है।
12. ग़ज़ल का ऐतिहासिक महत्व
“शराब चीज़ ही ऐसी है” ग़ज़ल का ऐतिहासिक महत्व इसके भावनात्मक और सांस्कृतिक प्रभाव से जुड़ा हुआ है। इस ग़ज़ल ने उर्दू साहित्य और संगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है और इसे एक साहित्यिक धरोहर के रूप में देखा जाता है।
शराब चीज़ ही ऐसी है – Sharaab Cheez Hi Aisi Hai Song Details
- Movie/Album: तरन्नुम वॉल्यूम 1
- Year : 1984
- Music By: पंकज उदास
- Lyrics By: सरदार अंजुम
- Performed By: पंकज उदास
शराब चीज़ ही ऐसी है – Sharaab Cheez Hi Aisi Hai Lyrics in Hindi
शराब चीज़ ही ऐसी है, न छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है, न छोड़ी जाए
शराब चीज़ ही ऐसी है…
हर एक शय को जहां में बदलते देखा है
मगर ये वैसे की वैसी है, न छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है, न छोड़ी जाए
शराब चीज़ ही ऐसी है…
किसी के दम से पिघलती है ये बोझल रातें
मगर ये पानी के जैसी है, न छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है, न छोड़ी जाए
शराब चीज़ ही ऐसी है…
यही तो टूटे दिलों का इलाज है ‘अंजुम’
मैं क्या कहूँ तुझे, कैसी है, न छोड़ी जाए
ये मेरे यार के जैसी है, न छोड़ी जाए
शराब चीज़ ही ऐसी है…