हाथों में अपने – Haathon Mein Apne – Hariharan
ग़ज़ल का परिचय
‘हाथों में अपने’ ग़ज़ल हरिहरन की मधुर आवाज़ और इब्राहिम अश्क़ की बेहतरीन शायरी का एक दिलकश उदाहरण है। इस ग़ज़ल का संगीत जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा द्वारा तैयार किया गया है, जिसने शायरी के भावों को और भी गहराई दी है। ग़ज़ल की खूबसूरत धुन और मखमली आवाज़ के साथ इब्राहिम अश्क़ के शायराना बोल इसे श्रोताओं के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ते हैं।
हरिहरन: ग़ज़ल गायकी में एक बेमिसाल नाम
हरिहरन का नाम ग़ज़ल गायकी में हमेशा से ही सम्मान के साथ लिया जाता है। उनकी आवाज़ में जो मिठास, कोमलता और गहराई है, वह ग़ज़ल के हर शब्द में महसूस की जा सकती है। ‘हाथों में अपने’ ग़ज़ल में हरिहरन की गायकी शायरी के भावों को इतने सुंदर तरीके से प्रस्तुत करती है कि श्रोता उसमें डूब जाता है।
हरिहरन की गायकी की खासियत
हरिहरन की ग़ज़ल गायकी में एक खास तरह का आत्मीय जुड़ाव होता है। उनके गाए हुए शब्दों में एक खास मोहकता है, जो श्रोताओं को ग़ज़ल के हर लफ्ज़ के साथ जोड़ती है। उनकी आवाज़ का असर इतना गहरा है कि यह ग़ज़ल सुनते ही दिलों में गूंजने लगती है।
संगीत: जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा का अद्भुत संयोजन
‘हाथों में अपने’ ग़ज़ल का संगीत जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा ने मिलकर तैयार किया है। उनका संगीत सरल होते हुए भी बेहद प्रभावी है, जो शायरी के साथ जुड़कर ग़ज़ल को और भी मोहक बना देता है। संगीत का यह संयोजन शायराना अंदाज़ को बखूबी पेश करता है और ग़ज़ल को आत्मीय बना देता है।
संगीत की संरचना
जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा ने इस ग़ज़ल के संगीत में शायरी की भावनाओं को उभारने का प्रयास किया है। संगीत का सरल लेकिन गहरा तालमेल श्रोता को ग़ज़ल की हर पंक्ति के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ता है।
इब्राहिम अश्क़: शायरी का जादू
इब्राहिम अश्क़, जो उर्दू के मशहूर शायर हैं, ने इस ग़ज़ल के बोल लिखे हैं। उनकी शायरी में मोहब्बत, दर्द और वियोग का भावपूर्ण चित्रण मिलता है। ‘हाथों में अपने’ के बोलों में इब्राहिम अश्क़ ने प्रेम की गहराई और उसकी पेचीदगियों को बेहतरीन तरीके से उभारा है।
ग़ज़ल के बोल: मोहब्बत की शायरी
इब्राहिम अश्क़ की शायरी इस ग़ज़ल को और भी ख़ास बनाती है। उनके शब्दों में प्रेम और जुड़ाव का वह एहसास है, जो श्रोताओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। ‘हाथों में अपने’ के हर लफ्ज़ में मोहब्बत का दर्द और उसकी ख़ुशी दोनों का मिश्रण है, जो ग़ज़ल को दिल से महसूस करने लायक बनाता है।
ग़ज़ल का प्रभाव और इसकी महत्ता
‘हाथों में अपने’ ग़ज़ल हरिहरन की आवाज़, जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा के संगीत, और इब्राहिम अश्क़ की शायरी का एक अद्भुत संगम है। यह ग़ज़ल श्रोताओं को प्रेम और मोहब्बत के उस खास एहसास से रूबरू कराती है, जो दिल की गहराइयों में उतर जाता है।
निष्कर्ष
‘हाथों में अपने’ ग़ज़ल हरिहरन की मखमली आवाज़, जॉली मुखर्जी और किशोर शर्मा के संगीत, और इब्राहिम अश्क़ की शायरी का एक सुंदर मिश्रण है। यह ग़ज़ल प्रेम, जुड़ाव और शायराना अंदाज़ का अद्भुत प्रतीक है, जो श्रोताओं के दिलों में हमेशा के लिए बस जाती है।
हाथों में अपने – Haathon Mein Apne Song Deatils…
- Movie/Album: ग़ज़ल
- Year : 1989
- Music By: जॉली मुखर्जी, किशोर शर्मा
- Lyrics By: इब्राहिम अश्क़
- Performed By: हरिहरन
हाथों में अपने – Haathon Mein Apne Lyrics in hindi
महफ़िल-ए-यारा में
दीवानों का आलम कुछ न पूछ
जाम हाथों में उठाए तो छलकना चाहिए
हाथों में अपने जाम नहीं है तो कुछ नहीं
हर शाम उसके नाम नहीं है तो कुछ नहीं
हाथों में अपने जाम…
मय-ख़ाना हो, शराब हो, साक़ी हो, और हम
पीने का इंतज़ाम नहीं है तो कुछ नहीं
हर शाम उसके नाम…
दुनिया बहुत हसीन है, मंज़ूर है मगर
लेकिन शराब आम नहीं है तो कुछ नहीं
हर शाम उसके नाम…
पीते नहीं हैं ‘अश्क़’ कभी मुफ़्त की शराब
वो चीज़ जिसका दाम नहीं है तो कुछ नहीं
हर शाम उसके नाम…
हाथों में अपने – Haathon Mein Apne Video Song…