जग सूना सूना – Jag Soona Soona – Richa Sharma, Rahat Fateh Ali Khan
गीत का परिचय
“जग सूना सूना” फ़िल्म “ओम शांति ओम” का एक ऐसा गीत है, जो श्रोताओं को गहरे भावनात्मक स्तर पर छूता है। इस गीत को बेहतरीन गायिका ऋचा शर्मा और सूफी संगीत के दिग्गज गायक राहत फतेह अली खान ने गाया है। इसका संगीत लोकप्रिय संगीतकार जोड़ी विशाल-शेखर ने तैयार किया है, जबकि इसके दर्दभरे और भावुक बोलों को कुमार ने लिखा है। यह गीत प्रेम, दर्द और खोए हुए अपने के अभाव को दर्शाता है, जिसे ऋचा शर्मा और राहत फतेह अली खान ने अपनी आवाज़ों में उकेरा है।
गीत के बोल और उनकी गहराई
“जग सूना सूना लागे, जग सूना सूना लागे…” यह गीत के मुखड़े के पहले शब्द हैं, जो अकेलेपन और पीड़ा को स्पष्ट रूप से प्रकट करते हैं। गीत का संदेश प्रेम और अपने प्रियजन के बिना जीवन की रिक्तता को दर्शाता है। कुमार ने अपने शब्दों में उस दर्द और खालीपन को अभिव्यक्त किया है, जिसे कोई अपने प्रियजन के खो जाने के बाद महसूस करता है।
गीत के बोल बहुत ही सरल हैं, लेकिन उनमें गहरी भावना छिपी हुई है। हर शब्द एक बिछड़े प्रेमी के दिल के दर्द को उभारता है, जो अपने जीवन में प्रेमी की अनुपस्थिति का अनुभव करता है। कुमार के शब्द प्रेम की उस अवस्था को व्यक्त करते हैं, जहाँ संसार बेमानी लगने लगता है और जीवन की हर खुशी बेमानी प्रतीत होती है।
विशाल-शेखर का संगीत
विशाल-शेखर की संगीत रचना इस गीत को एक अनूठा भावनात्मक रंग देती है। इस गीत का संगीत बहुत ही गहरा और सूक्ष्म है, जो गीत के बोलों के साथ श्रोताओं को एक भावनात्मक सफर पर ले जाता है। विशाल-शेखर ने पियानो और स्ट्रिंग्स का उपयोग किया है, जो गीत के दर्द और खालीपन को और भी सजीव बनाते हैं।
संगीतकार जोड़ी ने इस गीत में धीमी और संवेदनशील धुनों का प्रयोग किया है, जो श्रोताओं को गीत के बोलों और भावनाओं में डूबने का अवसर देती हैं। संगीत में वह शक्ति है, जो गीत के दर्द को गहराई से महसूस करने पर मजबूर करती है।
ऋचा शर्मा और राहत फतेह अली खान की गायकी
ऋचा शर्मा की आवाज़ में वह गहराई और भावनात्मकता है, जो इस गीत की आत्मा को जिंदा करती है। उनकी आवाज़ का हर सुर प्रेम और दर्द को इस तरह व्यक्त करता है, जैसे वह खुद इन भावनाओं को जी रही हों। ऋचा शर्मा की गायकी में वह सच्चाई और गहराई है, जो श्रोताओं को गीत के साथ पूरी तरह से जोड़ देती है।
वहीं राहत फतेह अली खान की सूफियाना आवाज़ इस गीत को और भी ऊँचाई प्रदान करती है। राहत की आवाज़ में वह गहराई और सूफी तत्व हैं, जो दर्द और इबादत को एक साथ बुनते हैं। उनकी गायकी में जो ठहराव और मर्म है, वह श्रोताओं के दिलों तक पहुँचती है और गीत के दर्द को और भी प्रभावी बनाती है।
गीत का भावनात्मक प्रभाव
“जग सूना सूना” सिर्फ एक गीत नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक यात्रा है। यह गीत उन सभी लोगों के दिलों को छूता है, जिन्होंने कभी प्रेम किया है और अपने प्रियजन को खो दिया है। यह गीत प्रेम के दर्द और उसकी रिक्तता को इतनी गहराई से प्रस्तुत करता है कि यह श्रोताओं को उनके खुद के अनुभवों की याद दिला देता है।
निष्कर्ष
“जग सूना सूना” एक ऐसा गीत है, जो प्रेम और उसकी अनुपस्थिति के दर्द को बेहद खूबसूरती से बयां करता है। ऋचा शर्मा और राहत फतेह अली खान की अद्भुत गायकी, विशाल-शेखर का दिल को छू लेने वाला संगीत, और कुमार के संवेदनशील बोल इस गीत को एक अमर रचना बनाते हैं। यह गीत श्रोताओं को एक गहरे भावनात्मक सफर पर ले जाता है, जो प्रेम और उसकी रिक्तता की गहराई को महसूस कराता है।
जग सूना सूना – Jag Soona Soona Song Details …
- Movie/Album: ॐ शांति ॐ
- Year : 2007
- Music By: विशाल-शेखर
- Lyrics By: कुमार
- Performed By: ऋचा शर्मा, राहत फतेह अली खान
जग सूना सूना – Jag Soona Soona Song Lyrics in Hindi
मैं तो जिया, ना मरा
हाए वे दस मैं की करां
दिल जुड़े बिना ही टुट गए
हथ मिले बिना ही छुट गए
की लिखे ने लेख किस्मत ने
बार बार रोंड़ अखियाँ
तैनू जो ना वेख सकियाँ
खोले आए आज कुदरत ने
कट्टा मैं की वे दिन
तेरी सोंह तेरे बिन
मैं तो जिया ना मरा
छन से जो टूटे कोई सपना
जग सूना-सूना लागे
जग सूना-सूना लागे
कोई रहे ना जब अपना
जग सूना-सूना लागे
जग सूना-सूना है तो
ये क्यूँ होता है
जब ये दिल रोता है
रोए सिसक सिसक के हवाएँ
जग सूना लगे
छन से जो टूटे कोई सपना
जग सूना-सूना लागे
जग सूना-सूना लागे…
रूठी-रूठी, सारी रातें
फीके-फीके, सारे दिन
वीरानी सी वीरानी है
तन्हाई सी तन्हाई है
और इक हम हैं, प्यार के बिन
हर पल छिन
छन से जो टूटे कोई सपना…
पत्थरों की, इस नगरी में
पत्थर चेहरे, पत्थर दिल
फिरता है मारा-मारा
क्यूँ राहों में तू आवारा
यहाँ ना होगा, कुछ हासिल
मेरे दिल
छन से जो टूटे कोई सपना…