अजीब सानेहा मुझ पर – Ajeeb Saneha Mujh Par -Hariharan
अजीब सानेहा मुझ पर – गमन फिल्म का दिलकश गीत
गीत का परिचय
“अजीब सानेहा मुझ पर” गमन फिल्म का एक अनमोल गीत है जिसे हरिहरन ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। इस गीत के संगीतकार जयदेव और गीतकार शहरयार हैं। गमन फिल्म 1971 में रिलीज़ हुई थी और यह गीत आज भी श्रोताओं के दिलों में बसा हुआ है।
गीत के बोल और उसकी गहराई
शहरयार की लेखनी का जादू
शहरयार की लेखनी में जो भावनाएं और शब्दों का जादू है, वह इस गीत के हर पंक्ति में झलकता है। गीत के बोल इतने गहरे और प्रभावी हैं कि सुनने वाला खुद को उस परिस्थिति में महसूस करने लगता है।
हरिहरन की मधुर आवाज़
हरिहरन की आवाज़ में जो मिठास और गहराई है, वह इस गीत को और भी खास बनाती है। उनकी गायिकी में जो दर्द और प्रेम का मिश्रण है, वह इस गीत की आत्मा को जीवित रखता है।
संगीत की विशेषताएं
जयदेव का संगीतमय योगदान
जयदेव ने इस गीत को अपने अनोखे संगीत से सजाया है। उनके संगीत में जो राग और ताल का मेल है, वह श्रोताओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। संगीत का प्रत्येक स्वर और ताल इस गीत के भाव को और भी प्रगाढ़ बनाता है।
गीत की कहानी और उसकी प्रभावशीलता
प्रेम और बिछोह की कहानी
“अजीब सानेहा मुझ पर” एक प्रेम और बिछोह की कहानी को बयां करता है। यह गीत प्रेमी के दर्द और उसकी वेदना को इतने सजीव तरीके से प्रस्तुत करता है कि सुनने वाला उसकी भावनाओं से जुड़ जाता है।
समाज और संस्कृति का प्रतिबिंब
यह गीत समाज और संस्कृति का भी प्रतिबिंब है। इसमें उस समय के सामाजिक परिवेश और मानवीय भावनाओं का मिश्रण है जो इसे और भी प्रभावी बनाता है।
निष्कर्ष
“अजीब सानेहा मुझ पर” गमन फिल्म का एक ऐसा गीत है जो अपनी गायिकी, संगीत, और बोलों के कारण आज भी अमर है। यह गीत न सिर्फ एक प्रेम कहानी को बयां करता है बल्कि उसमें छुपी गहराइयों और भावनाओं को भी उजागर करता है। हरिहरन की आवाज़, जयदेव का संगीत, और शहरयार की लेखनी इस गीत को एक अनमोल धरोहर बनाते हैं।
अजीब सानेहा मुझ पर – Ajeeb Saneha Mujh Par (Hariharan, Gaman) | Song Details …
- Movie/Album: गमन (1971)
- Music By: जयदेव
- Lyrics By: शहरयार
- Performed By: हरिहरन
अजीब सानेहा मुझ पर – Ajeeb Saneha Mujh Par Lyrics in Hindi
अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारों
मैं अपने साए से कल रात डर गया यारों
अजीब सानेहा…
हर एक नक़्श तमन्ना का हो गया धुंधला
हर एक ज़ख़्म मेरे दिल का भर गया यारों
अजीब सानेहा…
भटक रही थी जो कश्ती वो ग़र्क-ए-आब हुई
चढ़ा हुआ था जो दरिया वो उतर गया यारों
अजीब सानेहा…
वो कौन था, वो कहाॅं का था, क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शख़्स मर गया यारों
अजीब सानेहा…
अजीब सानेहा मुझ पर – Ajeeb Saneha Mujh Par Video Song …