आफरीं आफरीं

आफरीं आफरीं – Afreen Afreen (Rahat Fateh Ali Khan, Momina Mustehsan

गीत का परिचय

“आफरीं आफरीं” एक ऐसा गीत है, जो सुनते ही दिल को छू जाता है। इस गीत को बेहतरीन गायक राहत फतेह अली खान और खूबसूरत आवाज़ की धनी मोमिना मुस्तेहसान ने गाया है। इसका संगीत फाख़िर महमूद ने तैयार किया है, और इसके सूफियाना बोल एफ.के.खलिश द्वारा लिखे गए हैं। यह गीत कोक स्टूडियो के सीजन 9 का हिस्सा है और इसे पूरे दुनिया भर में सूफी संगीत प्रेमियों ने बेहद पसंद किया है। “आफरीं आफरीं” न केवल एक संगीत का टुकड़ा है, बल्कि यह आध्यात्मिक और रूहानी अनुभव का अहसास भी कराता है।

गीत के बोल और उनका अर्थ

“आफरीं आफरीं” का मतलब होता है तारीफ करना या सराहना करना। इस गीत में प्रेम और तारीफ की एक गहरी भावना व्यक्त की गई है, जो मानवीय सीमाओं से परे होकर आध्यात्मिक स्तर तक पहुँचती है। यह एक ऐसा गीत है, जो इंसानी मोहब्बत को परमात्मा के प्रेम से जोड़ता है।

गीत के बोल में वह भावनाएँ व्यक्त की गई हैं, जो किसी की खूबसूरती और अच्छाई की तारीफ करते हुए दिल से निकलती हैं। इस गीत के माध्यम से एफ.के. खलिश ने प्रेम, मोहब्बत और इबादत को एक दूसरे से जुड़ा हुआ बताया है। यह गीत प्रेम की उस पराकाष्ठा की बात करता है, जो इंसान को खुदा से जोड़ती है।

संगीत की रूहानियत

फाख़िर महमूद ने इस गीत के संगीत को जिस तरह से तैयार किया है, वह इसे एक आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान करता है। संगीत में सूफी तत्वों का बेहद खूबसूरती से प्रयोग किया गया है, जिसमें तानपुरा, ढोलक, और हारमोनियम का बेहतरीन मिश्रण सुनाई देता है। संगीत इतना सजीव और गहरा है कि यह श्रोताओं को एक आध्यात्मिक अनुभव कराता है।

संगीत की ताल और धुनें इस तरह से बनाई गई हैं कि वे श्रोताओं को गहरे भावनात्मक स्तर तक पहुँचाती हैं। संगीत का प्रभाव इतना गहरा है कि यह गीत केवल सुनने भर का नहीं है, बल्कि यह एक अनुभव है, जिसे दिल और आत्मा महसूस करती है।

राहत फतेह अली खान और मोमिना मुस्तेहसान की गायकी

राहत फतेह अली खान की आवाज़ में वह सूफियाना रंग और गहराई है, जो किसी भी गीत को अमर बना देती है। उनकी गायकी में जो एहसास और इबादत का रंग होता है, वह इस गीत को और भी रूहानी बना देता है। राहत की आवाज़ का जादू इस गीत में उस बारीकी से झलकता है, जो सूफी संगीत की जान है।

वहीं मोमिना मुस्तेहसान की नाज़ुक और सुरमई आवाज़ इस गीत को और भी प्रभावी बना देती है। उनकी गायकी में जो सादगी और कोमलता है, वह इस गीत में प्रेम की मिठास और गहराई को और भी ज्यादा उजागर करती है। राहत और मोमिना की यह जुगलबंदी इस गीत को एक अलग ही ऊँचाई पर ले जाती है।

गीत का आध्यात्मिक महत्व

“आफरीं आफरीं” सूफी परंपरा से जुड़ा एक ऐसा गीत है, जो प्रेम, इबादत और आध्यात्मिकता का एक अनोखा संगम प्रस्तुत करता है। यह गीत सिर्फ सुनने के लिए नहीं है, बल्कि इसे महसूस किया जाता है। इस गीत में सूफी दर्शन की वह गहराई है, जो इंसान और ईश्वर के बीच के प्रेम को दर्शाती है।

यह गीत प्रेम की उस अवस्था की बात करता है, जहाँ इंसान खुदा को हर जगह देखता है और हर अनुभव में उसी की झलक पाता है। यह प्रेम सिर्फ किसी इंसान के लिए नहीं है, बल्कि यह प्रेम उस ईश्वर के प्रति है, जो हर किसी के दिल में बसा हुआ है।

निष्कर्ष

आफरीं आफरीं” एक ऐसा गीत है, जो संगीत, गायकी और बोलों का अनोखा संगम है। राहत फतेह अली खान और मोमिना मुस्तेहसान की अद्भुत आवाज़ें, फाख़िर महमूद का सूफियाना संगीत और एफ.के. खलिश के खूबसूरत बोल इस गीत को एक अमर रचना बना देते हैं। यह गीत प्रेम, इबादत और आध्यात्मिकता के सबसे ऊँचे स्तर को छूता है, और श्रोताओं को एक अनोखे संगीत अनुभव का एहसास कराता है।

आफरीं आफरीं - Afreen Afreen
आफरीं आफरीं – Afreen Afreen

आफरीं आफरीं – Afreen Afreen  Song Details…

  • Movie/Album: कोक स्टूडियो सीज़न 9 एपिसोड 2
  • Year : 2016
  • Music By: फाख़िर महमूद
  • Lyrics By: जावेद अख़्तर, एफ.के.खलिश
  • Performed By: राहत फतेह अली खान, मोमिना मुस्तेहसान

आफरीं आफरीं – Afreen Afreen Song Lyrics in Hindi

ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
जिस्म नगमा कोई, जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चाँदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे कि खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे कि सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश-ओ-दिलनशीं
संदली संदली, मरमरीं मरमरीं
हुस्न-ए-जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं
आफरीं आफरीं
तू भी देखे अगर तो कहे हमनशीं
आफरीं आफरीं…

जाने कैसी बाँधी तूने अँखियों के डोर
मन मेरा खिंचा चला आया तेरी ओर
मेरे चेहरे की सुबह, ज़ुल्फ़ों की शाम
मेरा सब कुछ है पिया, अब से तेरे नाम
नज़रों ने तेरी छुआ, तो है ये जादू हुआ
होने लगी हूँ मैं हसीं
आफरीं आफरीं…

चेहरा इक फूल की तरह शादाब है
चेहरा उसका है या कोई महताब है
चेहरा जैसे गज़ल, चेहरा जान-ए-गज़ल
चेहरा जैसे कली, चेहरा जैसे कँवल
चेहरा जैसे तसव्वुर भी, तस्वीर भी
चेहरा इक ख़्वाब भी, चेहरा ताबीर भी
चेहरा कोई अलिफ़-लैल वी दास्तां
चेहरा इक पल यकीं, चेहरा इक पल गुमां
चेहरा जैसा कि चेहरा कहीं भी नहीं
माहरू माहरू, महजबीं महजबीं
हुस्न-ए-जानां की तारीफ़…

आफरीं आफरीं – Afreen Afreen  Video Song…

 

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