गौरा ढूंढ रही पर्वत पर

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर: गौरी भजन Gora Dhund Rahi Parvat Pe

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर भजन है जिसे Rekha Garg  ने गाया है। इस भजन को Kamal Singh ने लिखा और Pardeep Panchal संगीत दिया है। इसे Geet Mithas यूट्यूब चैनल द्वारा जारी किया गया है।

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर Gora Dhund Rahi Parvat Pe
गौरा ढूंढ रही पर्वत पर Gora Dhund Rahi Parvat Pe

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर Gora Dhund Rahi Parvat Pe Song Details

  • Title – Gaura Dhundh Rahi Parwat Par
  • Artist – Pallavi Narang
  • Singer – Rekha Garg
  • Lyrics – Kamal Singh
  • Music – Pardeep Panchal
  • Editing – Utsav
  • Label – Geet Mithas

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर Gora Dhund Rahi Parvat Per Lyrics in Hindi

 

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे माथे का टिका,
मांग सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे सोने की नथनी,
नाक सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे गले का हरवा,
गला सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे सोने का कंगना,
हाथ सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे रेशम की साड़ी,
तन पे सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

ना चाहिए मुझे सोने की करधनी,
कमर सजाने को,
हमें तो चाहिए भोला तेरी माला,
हरी गुण गाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

गौरा ढूंढ रही पर्वत पर,
शिव को पति बनाने को,
पति बनाने को, भोले को,
पति बनाने को,
गौरा ढूंढ रही पर्वत पे,
शिव को पति बनाने को ॥

 

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