घनन घनन घिर घिर आये बदरा

फिल्म ‘लगान’ (2001) का गीत “घनन घनन घिर घिर आये बदरा” भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली गीतों में से एक है। यह गीत न केवल फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाता है, बल्कि श्रोताओं के दिलों को भी छूता है। ए.आर. रहमान के संगीत, जावेद अख्तर के शब्द और अलका याग्निक, उदित नारायण, सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन और शान की आवाज़ ने इस गीत को अमर बना दिया है।

संगीतकार: ए.आर. रहमान

ए.आर. रहमान भारतीय संगीत जगत के एक प्रमुख संगीतकार हैं। उनके संगीत में जो मौलिकता और विविधता है, वह सुनने वालों को एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। “घनन घनन” गीत में भी उनकी संगीत शैली की छाप स्पष्ट रूप से नजर आती है।

गीतकार: जावेद अख्तर

जावेद अख्तर की लेखनी का जादू इस गीत में साफ झलकता है। उनके द्वारा चुने गए शब्द सरल होते हुए भी गहरे अर्थों से भरे हुए हैं। इस गीत में भी जावेद अख्तर ने अपने शब्दों के माध्यम से बारिश और आशा की भावना को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है।

गायक: अलका याग्निक, उदित नारायण, सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन, शान

इस गीत में कई प्रसिद्ध गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। अलका याग्निक की मधुर आवाज़, उदित नारायण का समर्पण, सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन और शान के सहयोग ने इस गीत को और भी खास बना दिया है।

जावेद अख्तर की लेखनी

जावेद अख्तर का नाम आते ही एक ऐसी छवि उभरती है जो शब्दों के जादूगर हैं। इस गीत में भी उन्होंने अपनी कलम का जादू बिखेरा है। उनके द्वारा चुने गए शब्द सरल होते हुए भी गहरे अर्थों से भरे हुए हैं।

शब्दों का चयन

जावेद अख्तर ने इस गीत में जो शब्द चुने हैं, वे बेहद प्रभावी हैं। “घनन घनन घिर घिर आये बदरा” इस पंक्ति में ही बारिश की आने की भावना का बेहद खूबसूरत मिश्रण है। हर पंक्ति में एक गहरी भावना छुपी हुई है जो सुनने वाले को सोचने पर मजबूर करती है।

ए.आर. रहमान की शैली

ए.आर. रहमान की संगीत शैली में एक विशेष प्रकार की मौलिकता है। उन्होंने इस गीत में जो धुन रची है, वह बेहद मधुर और भावपूर्ण है। संगीत की धुन और सुर ने इस गीत को और भी खास बना दिया है।

संगीत की धुन और सुर

इस गीत की धुन और सुर बेहद प्रभावी हैं। ए.आर. रहमान ने इस गीत में जो संगीत रचा है, वह सुनने वाले को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। धुन की सरलता और मधुरता ने इस गीत को अमर बना दिया है।

अलका याग्निक की आवाज़

अलका याग्निक की गहरी और भावपूर्ण आवाज़ ने इस गीत को एक नई ऊंचाई दी है। उनके गायन में जो गहराई है, वह सुनने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है।

उदित नारायण का समर्पण

उदित नारायण का गायन इस गीत में बेहद प्रभावी है। उनकी आवाज़ में जो मधुरता है, वह इस गीत को और भी खास बना देती है। उनके योगदान के बिना यह गीत अधूरा होता।

सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन, और शान का सहयोग

सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन, और शान ने भी इस गीत में अपने खास योगदान दिए हैं। उनके गायन ने इस गीत को और भी मधुर बना दिया है।

घनन-घनन घिर घिर आये बदरा
घनन घनन
  • Movie/Album: लगान
  • Year : 2001
  • Music By: ए.आर.रहमान
  • Lyrics By: जावेद अख्तर
  • Performed By: अलका याग्निक, उदित नारायण, सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन, शान

घनन-घनन घिर घिर आये बदरा
घन घनघोर कारे छाये बदरा
धमक-धमक गूँजे बदरा के डंके
चमक-चमक देखो बिजुरिया चमके
मन धड़काये बदरवा, मन धड़काये बदरवा
मन-मन धड़काये बदरवा

काले मेघा, काले मेघा, पानी तो बरसाओ
बिजुरी की तलवार नहीं, बूँदों के बान चलाओ
मेघा छाये, बरखा लाये
घिर-घिर आये, घिर के आये

कहे ये मन मचल-मचल, न यूँ चल सम्भल-सम्भल
गये दिन बदल, तू घर से निकल
बरसने वाल है अब अमृत जल

दुविधा के दिन बीत गये, भईया मल्हार सुनाओ
घनन-घनन घिर-घिर…

रस अगर बरसेगा, कौन फिर तरसेगा
कोयलिया गायेगी बैठेगी मुण्डेरों पर
जो पंछी गायेंगे, नये दिन आयेंगे
उजाले मुस्कुरा देंगे अंधेरों पर
प्रेम की बरखा में भीगे-भीगे तनमन
धरती पे देखेंगे पानी का दरपन
जईओ तुम जहाँ-जहाँ, देखियो वहाँ-वहाँ
यही इक समाँ कि धरती यहाँ
है पहने सात रंगों की चूनरिया
घनन-घनन घिर-घिर…

पेड़ों पर झूले डालो और ऊँची पेंद बढ़ाओ
काले मेघा, काले मेघा…

आई है रुत मतवाली, बिछाने हरियाली
ये अपने संग में लाई है सावन को
ये बिजुरी की पायल, ये बादल का आँचल
सजाने लाई है धरती की दुल्हन को
डाली-डाली पहनेगी फूलों के कंगन
सुख अब बरसेगा आँगन-आँगन
खिलेगी अब कली-कली, हँसेगी अब गली-गली
हवा जो चली, तो रुत लगी भली
जला दे जो तन-मन वो धूप ढली
काले मेघा, काले मेघा…

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