तू ही रब – Tu Hi Rab (Tulsi Kumar, Rahat Fateh Ali Khan, Dangerous Ishq)
परिचय
हिमेश रेशमिया के संगीत निर्देशन में निर्मित “तू ही रब” एक ऐसा गीत है जो न केवल भावनाओं की गहराई को व्यक्त करता है बल्कि प्रेम, समर्पण और आस्था की भी बात करता है। इस गीत के बोल शब्बीर अहमद द्वारा लिखे गए हैं और इसे तुलसी कुमार और राहत फ़तेह अली ख़ान ने अपनी आवाज़ से सजीव किया है। इस गीत में प्रेम का ईश्वर से संबंध स्थापित किया गया है, जिसमें प्रेमी अपने प्रेम को ही रब का दर्जा देता है।
प्रेम का गहराई से बयान
इस गीत में प्रेम की गहराई और आत्मिकता को बेहद सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह गीत किसी प्रेमी के दिल की बात करता है जो अपने साथी को अपना सब कुछ मानता है। “तू ही रब” का मतलब है कि प्रेमी ने अपने साथी को अपनी दुनिया का केंद्र बना लिया है। यह गीत यह दर्शाता है कि जब प्रेम की भावना सर्वोच्च होती है, तो वह ईश्वर से भी ऊपर महसूस होती है।
आवाज़ और संगीत
राहत फ़तेह अली ख़ान और तुलसी कुमार की आवाज़ें इस गीत में चार चांद लगाती हैं। दोनों गायकों की अद्वितीय आवाज़ें इस गीत को आत्मिक और गहन बना देती हैं। राहत फ़तेह अली ख़ान की सूफी गायकी और तुलसी कुमार की मधुर आवाज़ का मेल इस गीत को और भी विशेष बना देता है। हिमेश रेशमिया का संगीत संयोजन इसे एक अभूतपूर्व अनुभव में बदल देता है।
संगीत की बारीकियाँ
हिमेश रेशमिया ने इस गीत में सूफी और शास्त्रीय संगीत का मिश्रण किया है, जो इसे अनोखा बनाता है। संगीत में बांसुरी, तबला, और गिटार जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग इसे और भी मंत्रमुग्ध कर देता है। गीत की लय और धुन श्रोताओं को गहराई में लेकर जाती है और उन्हें एक अलग ही दुनिया में ले जाती है।
गीत का प्रभाव
“तू ही रब” एक ऐसा गीत है जिसे सुनते ही श्रोता को उसकी गहराई का अनुभव होता है। यह गीत प्रेम, आस्था और आत्मिकता का प्रतीक है। इस गीत को सुनकर श्रोता को न केवल संगीत का आनंद मिलता है, बल्कि वह अपने भीतर की भावनाओं को भी महसूस करता है। गीत के बोल और संगीत दोनों ही इतनी गहराई से जुड़े हुए हैं कि यह गीत एक बार सुनने के बाद श्रोता के दिल में घर कर जाता है।
निष्कर्ष
“तू ही रब” न केवल एक गीत है, बल्कि एक अनुभव है जो श्रोता के दिल और आत्मा को छूता है। यह गीत प्रेम के उस स्तर को दर्शाता है, जहां प्रेमी अपने साथी को ही अपना ईश्वर मान लेता है। हिमेश रेशमिया का संगीत, शब्बीर अहमद के बोल और राहत फ़तेह अली ख़ान और तुलसी कुमार की आवाज़ें मिलकर इस गीत को अविस्मरणीय बना देती हैं।
गीत का प्रभाव
“तू ही रब” एक ऐसा गीत है जिसे सुनते ही श्रोता को उसकी गहराई का अनुभव होता है। यह गीत प्रेम, आस्था और आत्मिकता का प्रतीक है। इस गीत को सुनकर श्रोता को न केवल संगीत का आनंद मिलता है, बल्कि वह अपने भीतर की भावनाओं को भी महसूस करता है। गीत के बोल और संगीत दोनों ही इतनी गहराई से जुड़े हुए हैं कि यह गीत एक बार सुनने के बाद श्रोता के दिल में घर कर जाता है।
निष्कर्ष
“तू ही रब” न केवल एक गीत है, बल्कि एक अनुभव है जो श्रोता के दिल और आत्मा को छूता है। यह गीत प्रेम के उस स्तर को दर्शाता है, जहां प्रेमी अपने साथी को ही अपना ईश्वर मान लेता है। हिमेश रेशमिया का संगीत, शब्बीर अहमद के बोल और राहत फ़तेह अली ख़ान और तुलसी कुमार की आवाज़ें मिलकर इस गीत को अविस्मरणीय बना देती हैं।
तू ही रब – Tu Hi Rab (Tulsi Kumar, Rahat Fateh Ali Khan, Dangerous Ishq) | Song Details…
- Movie/Album: डेंजरस इश्क़ (2012)
- Music By: हिमेश रेशमिया
- Lyrics By: शब्बीर अहमद
- Performed By: तुलसी कुमार, राहत फ़तेह अली ख़ान
तू ही रब – Tu Hi Rab (Tulsi Kumar, Rahat Fateh Ali Khan, Dangerous Ishq) | Song Lyrics…
मेरी आँखों में, मेरी साँसों में, तेरा चेहरा
मेरे दिल की हर इक दीवार पे तेरा चेहरा
तू ही है तू ही मेरा जहां
तू ही रब तू ही दुआ
तू ही लब तू ही ज़ुबाँ
तू ही राह तू ही मकां
तू रहनुमा
तू ही रब…
तेरे बिना तो हाल है ऐसा
जैसे आसमाँ बिना हो चाँद अधूरा
रूह में शामिल तू हो जाए
होगा बस तब ही साथ ये पूरा
तेरे इश्क़ में मशहूर हो गए
तेरे बाज़ुओं में हम चूर हो गए
मेरे सुबहों में, मेरी शामों में, तेरा चेहरा
मेरी धूप में, मेरी छाँव में, तेरा चेहरा
तू ही है तू ही मेरा जहां
तू ही रब…
अपने दिल में झाँक के देखो
आएगा नज़र तुम्हें प्यार हमारा
आलम न पूछो मेरी तड़प का
इक पल न होगा अब तुम बिन गुज़ारा
तेरे इश्क़ में मशहूर हो गए
तेरी बाज़ुओं में हम चूर हो गए
मेरी बाँहों में, मेरी राहों में, तेरा चेहरा
मेरी आहों में, मेरी पनाहों में, तेरा चेहरा
तू ही है तू ही मेरा जहां
तू ही रब…
तू ही रब – Tu Hi Rab (Tulsi Kumar, Rahat Fateh Ali Khan, Dangerous Ishq) | Video Song…