दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी – Dard Ka Doosra Naam hai Zindagi -Amit Kumar
हिंदी सिनेमा के क्षेत्र में, कुछ गाने ऐसे होते हैं जो सिर्फ मनोरंजन से अधिक होते हैं, वे भावना और विचार के गांठबंधन का रूप लेते हैं। एक ऐसा अमर गाना है “दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी,” जो 1984 की फिल्म “सारांश” में शामिल है। इस गाने के माध्यम से, उसके दुखद बोल और आत्मीय सुरों ने जीवन की संघर्ष और सहनशीलता को पकड़ा है।
“दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी” के बोल इंसानी अनुभव की गहराई में झांकते हैं, व्यावसायिक जीवन के जज्बातों को उभारते हैं और उन्हें सांस्कृतिक सामर्थ्य के रूप में स्थापित करते हैं। प्रत्येक चौपाई एक शब्द के गहराई में जीवन की ताकत को दर्शाती है।
दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी – Dard Ka Doosra Naam Hai Zindagi, Song Details…
- Movie/Album: सारांश
- Year : 1984
- Music By: अजीत वर्मन
- Lyrics By: वसंत देव
- Performed By: अमित कुमार
दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी – Dard Ka Doosra Naam hai Zindagi Lyrics in Hindi
हर घड़ी ढल रही शाम है ज़िन्दगी
दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी
हर घड़ी ढल रही…
आसमाँ है वही, और वही है ज़मीं
है मकाँ ग़ैर का, ग़ैर है या हमीं
अजनबी आँख सी आज है ज़िन्दगी
दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी…
क्यूँ खड़े राह में, राह भी सो गई
अपनी तो छाँह भी, अपने से खो गई
भटके हुए पंछी की रात है ज़िन्दगी
दर्द का दूसरा नाम है ज़िन्दगी…