परबतों के पेड़ों – Parbaton Ke Pedon (Md.Rafi, Suman Kalyanpur)
“परबतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है” गीत भारतीय फिल्म सगुन (1964) का एक प्रमुख गीत है। इस गीत की मधुरता और भावनाओं ने इसे एक अनमोल धरोहर बना दिया है। फिल्म सगुन एक रोमांटिक ड्रामा है, जिसमें प्रमुख भूमिका निभाई है वैजयंतीमाला और भारत भूषण ने।
“परबतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है” गीत के बोल बेहद सुकूनदायक और मनमोहक हैं। यह गीत प्रकृति की सुंदरता और उसमें छिपी हुई शांति का वर्णन करता है।
परबतों के पेड़ों – Parbaton Ke Pedon, Song Details…
- Movie/Album: शगुन
- Year : 1964
- Music By: ख़य्याम
- Lyrics By: साहिर लुधियानवी
- Performed By: मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर
परबतों के पेड़ों – Parbaton Ke Pedon Lyrics in Hindi
परबतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है
सुरमई उजाला है, चम्पई अँधेरा है
सुरमई उजाला है
दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से
आसमाँ ने खुश हो कर रंग-सा बिखेरा है
आसमाँ ने खुश हो कर
ठहरे-ठहरे पानी में गीत सरसराते हैं
भीगे-भीगे झोंकों में ख़ुश्बुओं का डेरा है
परबतों के पेड़ों पर
क्यूँ न जज़्ब हो जाए इस हसीं नज़ारे में
रोशनी का झुरमट है, मस्तियों का घेरा है
परबतों के पेड़ों पर
अब किसी नज़ारे की दिल को आरज़ू क्यूँ हो
जबसे पा लिया तुमको, सब जहान मेरा है
परबतों के पेड़ों पर