बरबाद-ए-मुहब्बत की दुआ – Barbaad-e-Muhabbat Ki Dua (Md. Rafi)
‘बरबाद-ए-मुहब्बत की दुआ साथ लिए जा’ एक ऐसा गीत है जो दिल के तारों को छू जाता है। इस गीत के शब्दों और संगीत में जो भावनाएँ हैं, वे हर किसी के दिल में घर कर जाती हैं। यह गीत उन लोगों के लिए खास है जिन्होंने प्रेम में दर्द का अनुभव किया है और जो प्रेम की गहराइयों को समझते हैं।
बरबाद-ए-मुहब्बत की दुआ – Barbaad-e-Muhabbat Ki Dua, Song Details…
- Movie/Album: लैला मजनू (1976)
- Music By: मदन मोहन
- Lyrics By: साहिर लुधियानवी
- Performed By: मोहम्मद रफ़ी
बरबाद-ए-मुहब्बत की दुआ – Barbaad-e-Muhabbat Ki Dua Lyrics in Hindi
टूटा हुआ इक़रार-ए-वफ़ा साथ लिए जा
बरबाद-ए-मुहब्बत की दुआ…
इक दिल था, जो पहले ही तुझे सौंप दिया था
ये जान भी ऐ जान-ए-अदा साथ लिए जा
तपती हुई राहों से तुझे आँच न पहुँचे
दीवाने के अश्क़ों की घटा साथ लिए जा
शामिल है मेरा खून-ए-जिगर तेरी हिना में
ये कम हो तो अब खून-ए-वफ़ा साथ लिए जा
हम जुर्म-ए-मुहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा
जो तुझसे हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा
टूटा हुआ इक़रार-ए-वफ़ा…