सन्तोषी माता की आरती

“सन्तोषी माता की आरती पाठ: आत्मिक साधना का मार्गदर्शन”

सन्तोषी माता की आरती का पाठ करने के कई फायदे होते हैं। यहाँ कुछ मुख्य फायदे हैं:

  1. आनंद और शांति का अनुभव: सन्तोषी माता की आरती का पाठ करने से मन और आत्मा में आनंद और शांति का अनुभव होता है। यह आरती भक्त को माँ सन्तोषी माता के आशीर्वाद से मन की संतोष और शांति प्रदान करती है।
  2. सुख संपत्ति का दाता: सन्तोषी माता की आरती का पाठ करने से भक्त को सुख और संपत्ति प्राप्ति में सहायता मिलती है। माँ सन्तोषी माता की कृपा से भक्त का जीवन समृद्धि से भरा रहता है।
  3. भक्ति और श्रद्धा का विकास: आरती का पाठ करने से भक्त का मन सन्तोषी माता की ओर ध्यान केंद्रित होता है, जिससे उनकी भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
  4. दुःखों का नाश: सन्तोषी माता की आरती का पाठ करने से भक्त के जीवन में दुःखों का नाश होता है। माँ सन्तोषी माता की कृपा से उनके जीवन में सभी प्रकार के विघ्न और कष्ट दूर होते हैं।
  5. परिवार की खुशहाली: इस आरती का नियमित रूप से पाठ करने से परिवार के सभी सदस्यों की सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। यह परिवार के सदस्यों के बीच विश्वास, सम्मान और समर्थन का भाव बढ़ाती है।
सन्तोषी माता की आरती
सन्तोषी माता की आरती

Santoshi Mata aarti lyrics in Hindi Song Details

  • Aarti title: Santoshi Mata Ki Aarti
  • Singer: Anuradha Paudwal
  • Music label: T-Series

सन्तोषी माता की आरती

जय सन्तोषी माता, मैया सन्तोषी माता अपने सेवक जन की,

सुख सम्पत्ति दाता जय सन्तोषी माता जय सन्तोषी माता,

मैया सन्तोषी माता अपने सेवक जन की,

सुख सम्पत्ति दाता जय सन्तोषी माता

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों हीरा पन्ना दमके,

तन श्रृंगार कीन्हों जय सन्तोषी माता गेरू लाल छटा छवि,

बदन कमल सोहे मन्द हंसत करुणामयी,

त्रिभुवन मन मोहे जय सन्तोषी माता स्वर्ण सिंहासन बैठी,

चंवर ढुरें प्यारे धूप दीप मधुमेवा,

भोग धरें न्यारे जय सन्तोषी माता गुड़ और चना परमप्रिय,

तामे संतोष किये सन्तोषी कहलाई,

भक्तन वैभव दिये जय सन्तोषी माता शुक्रवार प्रिय मानत,

आज दिवस सोही भक्त मण्डली छाई,

कथा सुनत मोही जय सन्तोषी माता मन्दिर जगमग ज्योति,

मंगल ध्वनि छाई विनय करें हम सेवक,

चरनन सिर नाई जय सन्तोषी माता भक्ति भावमय पूजा,

अंगीकृत कीजै जो मन बसै हमारे,

इच्छा फल दीजै जय सन्तोषी माता दुखी दरिद्री, रोगी,

संकट मुक्त किये बहु धन-धान्य भरे घर,

सुख सौभाग्य दिये जय सन्तोषी माता ध्यान धरे जन तेरा,

मनवांछित फल पायो पूजा कथा श्रवण कर,

घर आनन्द आयो जय सन्तोषी माता शरण गहे की लज्जा,

राखियो जगदम्बे संकट तू ही निवारे,

दयामयी अम्बे जय सन्तोषी माता शुक्रवार प्रिय मानती,

आज दिवस सोही भक्त मण्डली छाई,

कथा सुनत मोही जय सन्तोषी माता सन्तोषी माता की आरती,

जो कोई जन गावे ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति,

जी भर के पावे जय सन्तोषी माता जय सन्तोषी माता,

मैया सन्तोषी माता अपने सेवक जन की,

सुख सम्पत्ति दाता जय सन्तोषी माता जय सन्तोषी माता,

मैया सन्तोषी माता अपने सेवक जन की,

सुख सम्पत्ति दाता जय सन्तोषी माता

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