हमारी साँसों में आज तक – Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor) | Song
गीत का परिचय
“हमारी साँसों में आज तक” एक ऐसा अनमोल नग़मा है, जो आज भी दिलों को छू लेता है। यह गीत संगीत जगत के दो महान कलाकारों, नूरजहाँ और मेहदी हसन, की अविस्मरणीय जुगलबंदी का प्रतीक है। इस गीत का संगीत एम अशरफ ने तैयार किया है और इसके भावपूर्ण और गहरे बोल मशहूर शायर तस्लीम फाज़ली द्वारा लिखे गए हैं। यह गीत प्रेम, दर्द और बिछड़न की गहन भावनाओं को अभिव्यक्त करता है, जो श्रोताओं के दिलों को भीतर तक झकझोर देता है।
गीत के बोल और उनकी गहराई
“हमारी साँसों में आज तक” गीत के बोल जीवन में प्रेम के अनुभवों और बिछड़न के बाद की खालीपन को व्यक्त करते हैं। तस्लीम फाज़ली के लिखे शब्द प्रेम के उस सफर को दर्शाते हैं, जहाँ प्यार की यादें साँसों में बसी रहती हैं और हर सांस में उनका एहसास होता है। यह गीत उन तमाम दर्दभरी यादों का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।
गीत के बोल बेहद गहरे और मार्मिक हैं, जो श्रोताओं के दिल को छूने में सक्षम हैं। इस गीत के हर शब्द में प्रेम का वो एहसास है, जो कभी ख़त्म नहीं होता, चाहे वक्त कितना भी बदल जाए। प्रेम की यादें सांसों के साथ जुड़ी हुई रहती हैं, और यही भाव इस गीत को अनमोल बनाता है।
संगीत की खूबसूरती
एम अशरफ द्वारा रचित इस गीत का संगीत सरल लेकिन अत्यधिक प्रभावशाली है। इसमें पुरानी फिल्मों के दौर की विशेषता, शास्त्रीय संगीत का प्रयोग और ध्वनि का ठहराव देखा जा सकता है, जो गीत के बोलों और उसकी भावना को और गहराई देता है। संगीत में सितार और तबले का बेहतरीन तालमेल सुनने को मिलता है, जो श्रोताओं को एक सुकून और गहराई का अनुभव कराता है।
संगीत की इस मिठास और उसकी सादगी के कारण यह गीत श्रोताओं के दिल में अपनी जगह बना लेता है। संगीत केवल ध्वनि का एक संगम नहीं है, बल्कि यह प्रेम और दर्द की अभिव्यक्ति का एक माध्यम है, जो हर नोट में महसूस किया जा सकता है।
नूरजहाँ और मेहदी हसन की अद्वितीय गायकी
नूरजहाँ और मेहदी हसन जैसे महान गायकों की आवाज़ में इस गीत की भावनाओं का और भी ज्यादा प्रभावी रूप से चित्रण हुआ है। नूरजहाँ की गहरी, भावुक आवाज़ में वह दर्द और पीड़ा सुनाई देती है, जो बिछड़न के दर्द को जीवन के सबसे गहरे स्तर पर महसूस करती है। उनकी आवाज़ में जो ठहराव और गहराई है, वह इस गीत को दिल तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाती है।
वहीं, मेहदी हसन की गायकी सूफियाना रंग और क़व्वाली के तत्वों को समाहित करती है, जो इस गीत में प्रेम और यादों की गहराई को और बढ़ा देता है। मेहदी हसन की आवाज़ में जो दर्द और पीड़ा है, वह इस गीत की आत्मा को छूने में सक्षम है। दोनों गायकों की अद्भुत जुगलबंदी इस गीत को एक शाश्वत धरोहर बना देती है।
गीत का भावनात्मक प्रभाव
“हमारी साँसों में आज तक” गीत की गहराई श्रोताओं के दिल में उतर जाती है। यह गीत उन प्रेमी दिलों के लिए है, जो अपने बिछड़े हुए प्रियजनों की याद में जी रहे हैं। इस गीत में प्रेम, पीड़ा, और यादों का वो संगम है, जो हर सुनने वाले के दिल को छू लेता है। यह गीत श्रोताओं को उनके अपने प्रेम के अनुभवों की याद दिलाता है और उनकी भावनाओं को जागृत करता है।
निष्कर्ष
“हमारी साँसों में आज तक” एक अमर गीत है, जो नूरजहाँ और मेहदी हसन जैसे दो महान गायकों की अद्भुत गायकी, एम अशरफ के शानदार संगीत, और तस्लीम फाज़ली के गहरे बोलों का अनूठा संगम है। यह गीत प्रेम, पीड़ा, और यादों को संगीत के माध्यम से जीवंत करता है और श्रोताओं को भावनाओं के एक अनोखे सफर पर ले जाता है। यह गीत आज भी दिलों में बसता है और आने वाले समय में भी अपनी जगह बनाए रखेगा।
हमारी साँसों में आज तक – Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor) | Song Details…
- Movie/Album: मेरे हुज़ूर
- Year : 1977
- Music By: एम अशरफ
- Lyrics By: तस्लीम फाज़ली
- Performed By: नूरजहाँ, मेहदी हसन
हमारी साँसों में आज तक – Hamari Saanson Mein Aaj Tak (Noor Jehan, Mehdi Hassan, Meray Huzoor) | Song Lyrics
हमारी साँसों में आज तक वो
हिना की खुशबू महक रही है
लबों पे नगमें मचल रहे हैं
नज़र से मस्ती झलक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
नूरजहाँ
वो मेरे नज़दीक आते-आते
हया से इक दिन सिमट गए थे
मेरे खयालों में आज तक वो
बदन की डाली लचक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
सदा जो दिल से निकल रही है
वो शेर-ओ-नग़मों में ढल रही है
कि दिल के आँगन में जैसे कोई
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
तड़प मेरे बेकरार दिल की
कभी तो उन पे असर करेगी
कभी तो वो भी जलेंगे इसमें
जो आग दिल में दहक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
मेहदी हसन
कभी जो थे प्यार की ज़मानत
वो हाथ हैं गैर की अमानत
जो कसमें खाते थे चाहतों की
उन्हीं की नीयत बहक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
किसी से कोई गिला नहीं है
नसीब ही में वफ़ा नहीं है
जहाँ कहीं था हिना को खिलना
हिना वहीं पे महक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी
वो जिनकी खातिर लिखी थी नग़में
उन्हीं के आगे सवाल बन के
ग़ज़ल की झांझर छनक रही है
हमारी साँसों में आज तक…
हमारी साँसों में आज तक – Hamari Saanson Mein Aaj Tak Video Song …