गंगा माता की आरती

“गंगा माता की आरती पाठ: आत्मिक साधना का मार्गदर्शन”

गंगा माता की आरती का पाठ करने और गाने के कई महत्वपूर्ण लाभ होते हैं। यह आरती माता गंगा की पूजा और स्तुति का अच्छा माध्यम है जिससे उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है। गंगा माता की आरती का पाठ करने से मन में शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है। इस आरती को गाने से भक्त को पापों से मुक्ति मिलती है और उसकी आत्मा में शुद्धि होती है। गंगा माता की आरती का गाना स्नान और पूजन के प्रभाव को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। इस आरती को नियमित रूप से गाने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का अनुभव होता है।

गंगा माता की आरती
गंगा माता की आरती

Ganga Mata ki Aarti lyrics in Hind song details

  • Song Title: Maa Ganga Aarti
  • Album Name: Aarti Sangrah
  • Singer: Anuradha Paudwal
  • Music Label: T-Series

गंगा माता की आरती

हर हर गंगे जय माँ गंगे हर हर गंगे जय माँ गंगे

ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता मन वांशित फल पाता

ॐ जय गंगे माता.. जय गंगे माता श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता मन वांशित फल पाता

ॐ जय गंगे माता.. आ आ आ.. चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता मैया जल निर्मल आता शरण पड़े जो तेरी शरण पड़े जो तेरी सो नर तर जाता

ॐ जय गंगे माता.. आ आ आ.. पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता मैया सब जग को ज्ञाता कृपा दृष्टि हो तुम्हारी कृपा दृष्टि हो तुम्हारी त्रिभुवन सुखदाता

ॐ जय गंगे माता.. आ आ आ.. एक ही बार जो तेरी शरणागति आता मैया शरणागति आता यम की त्रास मिटाकर यम की त्रास मिटाकर परम गति पाता

ॐ जय गंगे माता.. आ आ आ.. आरती मात तुम्हारी जो जन नित्त गाता मैया जो जन नित्त गाता दास वाही सहज में दास वाही सहज में मुक्ति को पाता

ॐ जय गंगे माता.. आ आ आ.. ॐ जय गंगे माता श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता मन वांशित फल पाता ॐ जय गंगे माता.. जय गंगे माता श्री जय गंगे माता जो नर तुझको ध्याता जो नर तुझको ध्याता मन वांशित फल पाता

ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता ॐ जय गंगे माता.

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