लक्ष्मी माता की आरती

“श्री लक्ष्मी माता की आरती के लाभ: आत्मिक शुद्धि के लिए”

श्री लक्ष्मी माता की आरती का पाठ करने और गाने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह आरती माँ लक्ष्मी की पूजा और स्तुति का अच्छा माध्यम है जिससे उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है। लक्ष्मी माता की आरती का पाठ करने से मन में शांति, धन, और समृद्धि का अनुभव होता है। इस आरती को गाने से भक्त को वित्तीय समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उसकी आत्मा में शुद्धि होती है। लक्ष्मी माता की आरती का गाना माता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है। इस आरती को नियमित रूप से गाने से जीवन में धन, समृद्धि, और शांति का अनुभव होता है।

श्री लक्ष्मी माता की आरती
श्री लक्ष्मी माता की आरती

Lakshmi mata ki aarti lyrics in Hindi

  • Song Title Laxmi Mata Aarti
  • Singer Anuradha Paudwal
  • Music Arun Paudwal
  • Music Label T-Series

श्री लक्ष्मी माता की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता,

ॐ जय लक्ष्मी माता ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता,

ॐ जय लक्ष्मी माता उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता,

ॐ जय लक्ष्मी माता ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता,

ॐ जय लक्ष्मी माता

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