O Haseena Zulfon Waali

ओ हसीना जुल्फों वाली – O Haseena Zulfon Waali  – Md.Rafi, Asha Bhosle, Teesri Manzil

परिचय

“O Haseena Zulfon Waali” 1966 की मशहूर फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ का एक यादगार गीत है, जिसे मोहम्मद रफी और आशा भोंसले ने अपनी सुरीली आवाज़ों में गाया है। इस गाने का हर पहलू—चाहे वो संगीत हो, गायकी हो, या फिर फिल्मांकन—सभी मिलकर इसे एक क्लासिक हिट बनाते हैं। फिल्म में इस गाने पर शम्मी कपूर और हेलन की शानदार परफॉर्मेंस ने भी इसे सिनेमा प्रेमियों के दिलों में बसाया। आर.डी. बर्मन का जीवंत संगीत और मजरूह सुल्तानपुरी के रूमानी बोल इसे और भी खास बनाते हैं।

ओ हसीना जुल्फों वाली…
O Haseena Zulfonwali

ओ हसीना जुल्फों वाली – O Haseena Zulfon Waali Song Credits

  • Movie/Album: तीसरी मंज़िल
  • Year : 1966
  • Music : आर.डी.बर्मन
  • Lyrics : मजरूह सुल्तानपुरी
  • Singer : मो.रफ़ी, आशा भोंसले

ओ हसीना जुल्फों वाली – O Haseena Zulfon Waali Song Lyrics in Hindi

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

गर्म है, तेज़ है, ये निगाहें मेरी
काम आ, जाएँगी सर्द, आहें मेरी
तुम किसी, राह में, तो मिलोगे कहीं
अरे इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली…

छिप रहे, है ये क्या, ढंग है आपका?
आज तो, कुछ नया, रंग है आपका
हाय, आज की, रात मैं, क्या से क्या हो गयी
आहा, आपकी सादगी, तो भला हो गयी
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों…

ठहरिये, तो सही, कहिये क्या नाम है
मेरी बदनामियों, का वफ़ा नाम है
ओहो! क़त्ल कर के चले, ये वफ़ा खूब है
हाय नादां तेरी, ये अदा खूब है
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों…

ओ हसीना जुल्फों वाली – O Haseena Zulfon Waali Song

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