शाम रंगीन हुई है – Shaam Rangeen Hui Hai – Usha Mangeshkar & Suresh Wadkar, Kanoon Aur Mujrim
परिचय
“Shaam Rangeen Hui Hai” एक ऐसा गीत है जो श्रोता को अपनी धुन, गायकी और बोलों के माध्यम से एक सुंदर यात्रा पर ले जाता है। ऊषा मंगेशकर और सुरेश वाडकर की सधी हुई गायकी, सुरीला संगीत और प्रभावशाली बोल इसे एक यादगार गाना बनाते हैं, जो सुनने वाले के दिल में अपनी गहरी छाप छोड़ता है।
शाम रंगीन हुई है – Shaam Rangeen Hui Hai Song Credits
- Movie/Album: कानून और मुजरिम (1981)
- Music : सी अर्जुन
- Lyrics : अहमद वसी
- Singer : ऊषा मंगेशकर, सुरेश वाडकर
शाम रंगीन हुई है – Shaam Rangeen Hui Hai Lyrics in Hindi
शाम रंगीन हुई है तेरे आँचल की तरह
सुरमई रंग सजा है तेरे काजल की तरह
पास हो तुम मेरे दिल के मेरे आँचल की तरह
मेरी आँखों में बसे हो मेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है…
आसमाँ है मेरे अरमानों का दर्पण जैसे
दिल यूँ धड़के मेरा, खनके तेरे कंगन जैसे
मस्त हैं आज हवाएँ मेरी पायल की तरह
सुरमई रंग सजा है तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है…
मेरी हस्ती पे कभी यूँ कोई छाया ही न था
तेरे नज़दीक मैं पहले कभी आया ही न था
मैं हूँ धरती की तरह, तुम किसी बादल की तरह
सुरमई रंग सजा है तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है…
ऐसी रंगीन मुलाक़ात का मतलब क्या है
इन छलकते हुए जज़्बात का मतलब क्या है
आज हर दर्द भुला दो किसी पागल की तरह
सुरमई रंग सजा है तेरे काजल की तरह
शाम रंगीन हुई है…