आवारगी हमारी – Aawargi Hamari – Talat Aziz
“Aawargi Hamari” फिल्म ये नज़दीकियाँ का एक बेहद खूबसूरत और संवेदनशील गीत है, जो जीवन की उलझनों और भटकावों को बखूबी दर्शाता है। 1982 में रिलीज़ हुए इस गीत में तलत अज़ीज़ की मखमली आवाज़ ने गीत की गहराई को और भी बढ़ा दिया है। यह गीत उन लोगों के दिलों को छूता है, जिन्होंने कभी न कभी अपने जीवन में अकेलेपन और आवारगी का एहसास किया है।
आवारगी हमारी – Aawargi Hamari Song Credits
- Movie/Album: ये नज़दीकियाँ
- Year : 1982
- Music : रघुनाथ सेठ
- Lyrics : विनोद पांडे
- Singer : तलत अज़ीज़
आवारगी हमारी – Aawargi Hamari Lyrics in Hindi
आवारगी हमारी प्यारी सी थी कभी जो
वही आज हमको रुलाने लगी है
जो भरती थी दिल में तरंगे हमेशा
वही आज जी को जलाने लगी है
आवारगी हमारी…
न कोई ग़म न गिला, न कोई शुबह के निशाँ
पायी थी हर खुशी हर सुकूँ हमको था
नग़मे थे, बहारों के तरन्नुम हर कहीं
फिर भी क्यों हम भटका किये
ये तू ही बता, आवारगी, आवारगी
आवारगी हमारी…
खामोशियाँ हैं हर तरफ़, तन्हाईयाँ हैं हर तरफ़
यादों के भँवर से अब कैसे निकलें
साथी न रहा कोई न कोई हमसफ़र
ज़िंदगी के सफ़े पर लिखने को
है अब तो बस आवारगी, आवारगी
आवारगी हमारी…