जवानी की रेल कहीं – Jawani Ki Rel Kahin (Shabbir Kumar, Anuradha Paudwal)
“Jawani Ki Rel Kahin” फिल्म कुली का एक मजेदार और मस्ती भरा गीत है, जो जवानी के जोश और उमंग को बखूबी दर्शाता है। यह गीत उन हसीन पलों को बयान करता है, जब युवा दिलों में मस्ती और बेपरवाही का जुनून होता है। गाने में नायक-नायिका के बीच की छेड़छाड़ और नटखट अंदाज को दर्शाया गया है, जो दर्शकों को अपने साथ नाचने पर मजबूर कर देता है।
जवानी की रेल कहीं – Jawani Ki Rel Kahin Song Credits
- Movie/Album: कुली (1983)
- Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
- Lyrics By: आनंद बक्षी
- Performed By: शब्बीर कुमार, अनुराधा पौडवाल
जवानी की रेल कहीं – Jawani Ki Rel Kahin Lyrics in Hindi
जवानी की रेल कहीं छूट ना जाए
मोहब्बत के खेल में दिल टूट ना जाए
कोई लुटेरा टिकट तेरा मेरा
चुरा के हम दोनों को चेप ना जाए
जवानी की रेल…
मैं तेरा इंजन हूँ, तू मेरी गाड़ी
लग जाए इंजन तो चलती है गाड़ी
कनक्सन ये तेरा-मेरा, टूट ना जाए
कोई लुटेरा टिकट…
संकरी ये फ़ुईयाँ पाताल गहरा पानी
भरते-भरते मेरी कमर दुखानी
ये कच्ची गगरिया कहीं फूट ना जाए
कोई लुटेरा टिकट…
चोरी से चल के चौबारे पे आजा
कुण्डी हटा और खोल दरवाजा
ये मस्ती भरी रात कहीं रुठ ना जाए
कोई लुटेरा टिकट…