कश्ती का खामोश सफ़र है – kasti ka khamosh safar hai – Kishore Kumar, Sudha Malhotra, गर्ल फ्रेंड – 1960
“kasti ka khamosh safar hai कश्ती का खामोश सफ़र है” गाना भी फिल्म “गर्ल फ्रेंड” (1960) का एक महत्वपूर्ण भाग है। इस गाने में एक दर्दनाक भावना को दर्शाया गया है, जो दर्शकों के दिलों को छू लेता है। गाने के बोल “कश्ती का खामोश सफ़र है, ज़िंदगी का सफ़र है” वास्तविकता के और मानवीय अर्थों को परिचित कराते हैं। इस गाने में संगीत की गहराई और गीतकार की कलम से लिखे गए बोलों की गहराई ने इसे एक अद्वितीय संगीतीय अनुभव बना दिया है।
कश्ती का खामोश सफ़र है – kasti ka khamosh safar hai Song Details
- Compose : Hement Kumar
- Singer : Kishore Kumar, Sudha Malhotra
- Film: Girl Friend
- Year : 1960
कश्ती का खामोश सफ़र है – kasti ka khamosh safar hai Lyrics in Hindi
कश्ती का खामोश सफ़र है, शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरों की शहनाई भी
कश्ती का खामोश सफ़र है, शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरों की शहनाई भी
आज मुझे कुछ कहना है
आज मुझे कुछ कहना है
लेकिन ये शर्मीली निगाहें मुझको इजाज़त दें तो कहूँ
खुद मेरी बेताब उमंगें थोड़ी फ़ुर्सत दें तो कहूँ
आज मुझे कुछ कहना हैX2
जो कुछ तुमको कहना है, वो मेरे ही दिल की बात न हो
जो है मेरे ख़्वाबों की मंज़िल, उस मंज़िल की बात न हो
कहते हुए डर सा लगता है, कह कर बात न खो बैठूँ
ये जो ज़रा सा साथ मिला है, ये भी साथ न खो बैठूँ
कब से तुम्हारे रस्ते में मैं फूल बिछाये बैठी हूँ
कह भी चुको जो कहना है मैं आस लगाये बैठी हूँ
दिल ने दिल की बात समझ ली, अब मुँह से क्या कहना है
आज नहीं तो कल कह लेंगे, अब तो साथ ही रहना है
कह भी चुको जो कहना है
छोड़ो अब क्या कहना है
कब से तुम्हारे रस्ते में मैं फूल बिछाये बैठी हूँ
कह भी चुको जो कहना है मैं आस लगाये बैठी हूँ
दिल ने दिल की बात समझ ली, अब मुँह से क्या कहना है
आज नहीं तो कल कह लेंगे, अब तो साथ ही रहना है
कह भी चुको जो कहना है
छोड़ो अब क्या कहना है