सावन की रिमझिम में – Sawan Ki Rimjhim Mein – Manna Dey
गीत का परिचय
‘Sawan Ki Rimjhim Mein’ गीत एक ऐसा गीत है जो वर्षा ऋतु और उससे जुड़ी भावनाओं को चित्रित करता है। बारिश के मौसम में प्रेम और विरह की भावनाओं को शब्दों और धुनों में पिरोकर यह गीत सुनने वालों को भावनात्मक सफर पर ले जाता है। मन्ना डे की आवाज़, प्रेम धवन का संगीत और अनजान के बोलों ने इस गीत को एक खास स्थान दिलाया है।
‘Sawan Ki Rimjhim Mein’ एक ऐसा गीत है जो प्रेम और विरह की भावनाओं को बड़े ही कोमल और सजीव तरीके से प्रस्तुत करता है। मन्ना डे की आवाज़, प्रेम धवन का मधुर संगीत और अनजान की गहरी शायरी ने इस गीत को संगीत की दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाया है। यह गीत हमेशा सावन और प्रेम की यादों को ताजा करता रहेगा, और श्रोताओं के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ता रहेगा।
सावन की रिमझिम में – Sawan Ki Rimjhim Mein Song Details…
- Year: 1974
- Music By: प्रेम धवन
- Lyrics By: अनजान
- Performed By: मन्ना डे
सावन की रिमझिम में – Sawan Ki Rimjhim Mein Song Lyrics
खुले गगन पे झुक गई, किसी की सुरमई पलक
किसी की लट बिखर गई, घिरी घटा जहाँ तलक
धुली हवा में घुल गई, किसी की साँस की महक
किसी का प्यार आज बूंद-बूंद से गया छलक
सावन की रिमझिम में
थिरक-थिरक नाचे रे
मयूर पंखी रे सपने
कजरारी पलक झुकी रे, घिर गयी घटाएँ
चूड़ियाँ बजाने लगीं रे, सावनी हवाएँ
माथे की बिंदिया, जो घुंघटा से झाँके
चमके बिजुरिया, कहीं झिलमिला के
बूंदों के घुँघरू छनका के रे
सावन की रिमझिम में…
छलक गईं नील गगन से रसभरी फुहारें
महक उठीं तेरे बदन सी भीगती बहारें
रिमझिम फुहारों के रस में नहा के
सिमटी है फिर मेरी बाँहों में आ के
सपनों की दुलहन शरमा के
सावन की रिमझिम में…
सावन की रिमझिम में – Sawan Ki Rimjhim Mein Video Song…