दिल का मिज़ाज इश्किया – Dil Ka Mijaaz Ishqiya – Rahat Fateh Ali Khan
राहत फ़तेह अली खान की आवाज़ में गीत की मिठास
राहत फ़तेह अली खान की आवाज़ में गाए गए गीत “दिल का मिज़ाज इश्किया” में ऐसी गहराई और मिठास है जो सीधे दिल को छू लेती है। उनकी आवाज़ का जादू सुनने वालों के दिलों में एक विशेष स्थान बना देता है। यह गीत प्यार और इश्क के विभिन्न रंगों को बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत करता है।
विशाल भारद्वाज की संगीत की अद्वितीयता
इस गीत का संगीत विशाल भारद्वाज द्वारा दिया गया है, जो भारतीय संगीत की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम है। विशाल का संगीत हमेशा से ही गहरा और अर्थपूर्ण होता है। “दिल का मिज़ाज इश्किया” में उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक संगीत के बीच एक संतुलन बनाए रखा है, जो इस गीत को और भी खास बनाता है। उनकी धुनों में एक विशेषता होती है, जो सुनने वालों को कहीं न कहीं अपने साथ जोड़ लेती है।
गुलज़ार के बोल: शब्दों में बसी कविता
गुलज़ार, जिनका नाम ही कविताओं और शब्दों की दुनिया में एक अनमोल धरोहर है, ने इस गीत के बोल लिखे हैं। गुलज़ार के शब्द हमेशा से ही दिल को छूने वाले होते हैं। “दिल का मिज़ाज इश्किया” में उन्होंने इश्क के उन पहलुओं को छुआ है, जो सामान्य रूप से अनकहे रह जाते हैं। उनका लेखन प्रेम की गहराई और उसकी जटिलताओं को बड़ी सरलता से व्यक्त करता है।
गीत के बोलों का विश्लेषण
इस गीत के बोलों में इश्क की उन भावनाओं को शब्द दिया गया है, जो किसी के दिल में बसी होती हैं। गुलज़ार ने अपने विशेष अंदाज में शब्दों को एक धागे में पिरोया है, जो सुनने वाले को गहरे सोच में डाल देता है। उदाहरण के लिए, “दिल का मिज़ाज इश्किया” इस वाक्यांश में ही एक पूरी कहानी छुपी हुई है।
संगीत के साथ जुड़ी भावनाएँ
इस गीत के संगीत में एक अद्वितीय मिठास और गहराई है। विशाल भारद्वाज ने संगीत के माध्यम से उन भावनाओं को व्यक्त किया है, जो शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकतीं। राहत फ़तेह अली खान की आवाज़ और विशाल का संगीत, दोनों मिलकर इस गीत को एक अलग ही स्तर पर ले जाते हैं।
निष्कर्ष
“दिल का मिज़ाज इश्किया” सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि एक एहसास है। राहत फ़तेह अली खान की आवाज़, विशाल भारद्वाज का संगीत और गुलज़ार के शब्दों का संगम इस गीत को एक अमर धरोहर बनाता है। यह गीत सुनने वाले के दिल को छू जाता है और लंबे समय तक उसकी गूंज बनी रहती है।
दिल का मिज़ाज इश्किया
दिल का मिज़ाज इश्किया – Dil Ka Mijaaz Ishqiya Song Credits…
- Movie/Album: डेढ़ इश्किया
- Year : 2014
- Music By: विशाल भारद्वाज
- Lyrics By: गुलज़ार
- Performed By: राहत फ़तेह अली खान
दिल का मिज़ाज इश्किया – Dil Ka Mijaaz Ishqiya Lyrics in Hindi
रुक रुक के कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं
दिल का मिज़ाज इश्किया
तन्हां है लोगों में
लोगों में तन्हाई
दिल का मिज़ाज इश्किया
चोटें भी खाये और गुनगुनाये
ऐसा ही था ये, ऐसा ही है ये
मस्ती में रहता है
मस्ताना सौदायी
दिल का मिज़ाज इश्किया…
शर्मीला शर्मीला परदे में रहता है
दर्दों के छोंके भी चुपके से सहता है
निकलता नहीं है गली से कभी
निकल जाये तो दिल भटक जाता है
अरे बच्चा है आखिर बहक जाता है
ख्वाबों में रहता है
बचपन से हरजाई
दिल का मिज़ाज इश्किया…
गुस्से में बलखाना, गैरों से जल जाना
मुश्किल में आये तो वादों से टल जाना
उलझने की इसको यूँ आदत नहीं
मगर बेवफाई शराफत नहीं
ये जज़बाती हो के छलक जाता है
इश्क में होती है
थोड़ी सी गरमाई
दिल का मिज़ाज इश्किया…